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भरमौर में करंट लगने से आउटसोर्स बिजली कर्मी की मौत पर, भड़का आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ

शिमला 

आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष कमल चौहान , महासचिव धर्मेंद्र शर्मा ने आज शिमला में जारी बयान में कहा कि दिनांक 01-09-2025 को जिला चम्बा से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है इलेक्ट्रिकल डिवीज़न चम्बा के अंतर्गत इलेक्ट्रिकल सब डिवीज़न राख में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारी देश राज, मैंटेनस गैंग लाइन पे काम करते समय हादसे का शिकार हुए और घटना स्थल पर ही मृत्यु को प्राप्त हुआ।

हिमाचल प्रदेश आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ इस घटना पे शोक वयक्त करता है और इस मुश्किल घडी में परिवार के साथ हर कदम पे साथ खड़ा है
बिजली बोर्ड में कर्मचारी लगातार दुर्घटना के शिकार हो रहे है अभी तक पिछले 3-4 वर्ष में लगभग 30 से अधिक कर्मचारी शहीद हो गए है जिसमे 7 कर्मचारी आउटसोर्स के है जिन्होंने लाइन पे काम करते समय अपनी जान गवां दी है।
आज बिजली बोर्ड में आउटसोर्स का कर्मचारी अपनी जान पे खेल कर काम कर रहा है और इसके एवज में उन्हें मात्र 10 से 12 हजार की तनख्वा दी जाती है
आउटसोर्स कर्मचारी सरकारी कार्य में अपनी जान दे रहा है और उस कार्य के बदले सरकार द्वारा इन कर्मचारियों की न तो जान की सुरक्षा है और न ही कोई नौकरी की सुरक्षा प्रदान की जाती है । आज हर सरकारी विभाग का सर्वेक्षण किया जाए तो मैक्सिमम काम आउटसोर्स कर्मचारियों से लिया जाता है विधानसभा मैं भी डॉ जनक राज माननीय विधायक भरमौर ने आउटसोर्स कर्मचारियों की तुलना खच्चर से कर दी। जब चुनाव आते है दो पार्टियां आउटसोर्स की हितैषी बन जाती है और चुनाव के बाद आउटसोर्स की नीति मै कानूनी अड़चनों का बहाना बना कर हमे नजरअंदाज किया जाता है। इस बात के साक्ष्य है माननीय उप मुख्यमंत्री ओर वर्तमान मुख्यमंत्री जी द्वारा कैसे आउटसोर्स की लिए नीति निर्माण की बात चुनावी बेला मैं कही गई थी। बहुत दुख का विषय है कि स्वर्गीय राजा वीरभद्र सिंह जी पूर्व मुख्यमंत्री के सम्मान में पीटरहॉफ में आउटसोर्स कर्मचारियों द्वारा विशाल आयोजन किया गया था और उस सम्मलेन में राजा साहब ने घोषणा की थी कि आप सभी को सरकारी तंत्र में लाया जाएगा और नियमित किया जाएगा उसके उपरांत ठाकुर जय राम जी ओर महेंद्र सिंह ठाकुर द्वारा भी बार बार कहा गया कि हम आउटसोर्स कर्मचारियों को स्थाई नीति बनाने जा रहे है पर वो भी सता से बाहर आ गए आउटसोर्स कर्मचारी मुंह ताकता रह गया। आउटसोर्स कर्मचारी के परिवार में किसी की मृत्यु हो जाए तो आउटसोर्स कर्मचारी को छुट्टी नहीं बिना वेतन रहना पड़ता है सरकार के कार्य को आपदा में भी सबसे आगे रह के करता है एक आउटसोर्स कर्मचारी कोरोना महामारी के समय स्वास्थ विभाग मैं कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाओं को देख लो या आज की आपदा में बिजली बोर्ड जल शक्ति विभाग में कार्यरत कर्मचारी को देख ले जो जान जोखिम में डाल कर सरकार का काम कर रहा है। ओर सरकार कहती है कि ये कर्मचारी सरकार के नहीं कंपनी के है।आखिर सरकार ऐसे अंधेपन में हिमाचल के युवाओं के साथ ऐसा शोषण क्यों कर रही है क्यों नहीं इन्हें नौकरी की सुरक्षा दी जाती है।

आज आउटसोर्स कर्मचारी की ये स्थिति है की वो ड्यूटी पर तैनात जब अपनी जान से हाथ धो बैठता है लेकिन उसके बाबजूद भी सरकार द्वारा इन कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा नहीं है उसके परिवार के जीवन यापन की कोई व्यवस्था नहीं है।
हिमाचल प्रदेश आउटसोर्स महासंघ मांग करता है की
शहीद साथी श्री देश राज जी के साथ हुए इस घटना की जाँच की जाये और उनके परिवार को न्याय मिले
बिजली बोर्ड में काम के समय शहीद होने पर सभी आउटसोर्स साथी को कम से कम 20 लाख का मुआवजा और परिवार में एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाये ताकि परिवार का रोजगार चल सकें साथ ही साथ सरकार से मांग करता है की आउटसोर्स की इस शोषण की वयवस्था को खत्म किया जाए और एक स्थाई निति बनाई जाए तथा आने वाली ऐसी घटनाओं के बाबजूद परिवार की सुरक्षा हो सकें।

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