सरकाघाट बॉयज स्कूल को मिली पहली महिला प्रधानाचार्य 

 

सरकाघाट

अनीता आजाद होंगी ब्वायज स्कूल सरकाघाट की नई और पहली महिला प्रिंसिपल, सरकाघाट स्कूल को प्रदेश भर में पहचान दिलाने हेतु करेंगी भरकश प्रयास।

आपको बता दें लगभग 32 महीनों तक समूचे दुर्गम क्षेत्र सराज में इकलौती महिला हैड अपनी सेवाएं देने के बाद अनीता आजाद ने ब्वायज स्कूल सरकाघाट में बतौर प्रिंसिपल ज्वाईन कर लिया है।

 

सरकाघाट उपमंडल की ग्राम पंचायत पपलोग के भलवान गांव से सबंध रखने वाली अनीता आजाद ने वर्ष 1998 में शिक्षा विभाग में बतौर स्कूल प्रवक्ता धर्मशाला में ज्वाईन किया था और 20 वर्षों तक धर्मशाला क्षेत्र के भिन्न-भिन्न स्कूलों में अपनी सेवाएं देने के बाद वर्ष 2018 में सरकाघाट क्षेत्र में लगभग 5 वर्षों तक नौकरी की और वर्ष 2022 से आजतक सराज विधानसभा क्षेत्र की वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, जंजैहली में प्रिसिंपल के रुप में कार्य किया तथा इस दौरान जंजैहली स्कूल की चारदीवारी के निर्माण के साथ-साथ खेल मैदान को ठेकेदारों के डंपिंग साइट से छुटकारा दिलाया व स्कूल गेट को 10 बजे से 4 बजे तक बंद रखने का कठोर फैसला भी लिया ताकि बच्चों सहित अध्यापक भी स्कूल आवरज में बाहर ना जा सकें तथा स्कूल के अन्दर कैंटीन खुलवा कर विद्यार्थियों व स्कूल स्टाफ को स्कूल के समय में बाहर ना जाने की नीति पर अमल करके तथा

बाहरी लोगों की बिना मतलब की आबाजाही पर भी पूर्ण अंकुश लगाया और इस दौरान स्कूल के बीच से राजनीतिक आधार पर एसडीएम थुनाग के कोर्ट द्वारा कुछ निजी परिवारों को रास्ता देने के फैसले के खिलाफ सत्र् न्यायालय,मण्डी में चुनौती देकर स्कूल के बीच से रास्ता देने के एसडीएम के फैसले को निरस्त करवा कर बहुत बड़े मुक़दमे को जीता। जिसकी वजह से स्थानीय जनता में उनके साहस और कर्तव्य परायणता की भूरी-भूरी प्रशंसा होती रही है और सराज क्षेत्र के लोग उनको अभी कुछ और समय तक यहां पर बने रहने की चाहना रखते थे।

सरकाघाट स्कूल में बतौर प्रिसिंपल ज्वाईन करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए नई प्रिसिंपल ने अपने मिशन को स्पष्ट करते हुए कहा की शिक्षा,अनुशासन व पंकचूयलटी से कोई समझौता नहीं होगा और सरकाघाट स्कूल के गौरवमयी इतिहास को दोबारा हासिल करने के लिए सभी अध्यापकों, अभिभावकों व स्थानीय जनता के साथ-साथ बुध्दिजीवी वर्ग से भी निरंतर सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त किया जायेगा ताकि सरकार व विभाग की योजनाओं को धरातल पर उतारने की दिशा में तनिक भी कमी ना रहे। शिक्षा की गुणवत्ता के साथ-साथ खेलकूद की गतिविधियों में भी उचित सुधार के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी। स्कूल की चारदिवारी का प्राथमिकता के आधार पर निर्माण किया जायेगा ताकि कोई भी बाहरी व्यक्ति बिना काम से स्कूल में प्रवेश ना कर सके। अध्यापकों व बच्चों को स्कूल के समय में बिना किसी कारण से बाहर जाने पर पूर्ण प्रतिबंध होगा और सरकार के दिशानिर्देशों के अनुरुप प्रिंसीपल सहित सभी अध्यापकों का पहनावा सुनिश्चित होगा।

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